कुछ कहते कहते मन यूँ मेरा ठिठक गया,
खूबसूरत सी उन आँखों मे
ये वक्त भी जैसे ठहर गया।।
कानों मे लहरों का कलरव
और सागर की शीत लहर,
दिल बेचारा मेरा प्यारा
झटके से इक सिहर गया।।
ये जग सारा,मन आवारा
सब कुछ मेरे अंदर आकर,
सिमट गया,हाँ सिमट गया।।
प्यार भरी उस मुलाकात मे,
सब कुछ जैसे इक पल में ही
बस बदल गया, यूँ बदल गया।।
सदियों के इंतज़ार के बाद
अब जब ये पल आया है।
तब लफ़्ज़ निकलते ही नहीं,
और गला भी ये भर आया है।।
लफ़्ज़ों की क्या ज़रूरत भी है??
जब खुद नज़रें बातें करें
दु:ख दर्द खुशी सारे अहसास
नज़रें आपस में ही पढ़ें ।।
मेरी आँखों में आँसू हैं,
और उसकी आँखें भी है नम।
नज़रों ने नज़रों से कहा ....
क्यों बरसों बाद तुम आयी हो??
क्यों इतना मुझे तड़पाया है??
आज जाकर इस दिल पर तुमको
थोड़ा सा तरस आया है??
नज़रें बोलीं,
मजबूरी सब की होती हैं
कही अनकही ना जाने कितनी बातें हैं,
पर फिर भी ये जीवन की घनघोर रात
नया सवेरा लेकर आयी है।
जो लौटकर अब मैं आयी हुँ
तुमसे न दूर मैं जाऊँगी।
ये जीवन तो क्या जीवन,
हर जनम में तुमको पाऊँगी।।
नम आँखों से वो आँसू यूँ,
अब झर झर कर हैं बह रहे
बरसों से दर्द भरे दिल को
पल पल वो हलका कर रहे।
अब क्या कोई मैं शिकवा करूँ तुमसे,
और क्या अपना दर्द मैं बतलाऊँ??
जब क्लेश ही सारा बह गया
तो फिर क्या अब मैं पछताऊँ??
आई हो जो इस बार प्रिये
अब छोड़के तो ना जाओगी??
गमगीन इस आशिक को अपने
अब और तो ना तरसाओगी??
ज़िन्दा था मैं अब तक सिर्फ एक तुम्हरी आस लगाकर।
अबकी जो जाओगी तो फिर
झूठे आँसू न बहाना,चिता के मेरी पास मे आकर।।
लिपट गयी, वो मेरे सीने से
रो पड़ी वो मेरी बाहों में
बह गयी वो इस आलिंगन में
कि कोई अब उसका और नहीं...........
6 comments:
good yaar long time i read a hindi poem.
likhne wala sirf taarif ka hi pyaasa hai yaar...
dhanyavaad.....
nice poetry....gud use of emotions...
but i think u can still improve it...
like :
1. if u write a poem in hindi, try to avoid urdu words n vice versa.
2. use appropriate words with meanings...
[ u could have written "sagar ki UNMUKT lahar"...coz sheet lahar se dil nahi sihar sakta...
"yeh jag saara man awaara..."
may b written as...chir vistrit sansaar saara"...
one more good thing i noticed in this...that there is no spelling error..even minute ones u have taken care of...like 'NUKTA' and 'ANUSWAAR'...
keep it up... :D
gilly, tera ye andaaz na sochne pe majboor kar deta hai kai purani kahaani saamne aa jati hai,
good goin man.
jus have 1 wrd 2 say.........awesum...........
i never knew......dat we have such a talented guy around us.......
good job.......
once again i would say, likhne wala sirf tareef ka pyaasaa hota hai yaar
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